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Sunday 9 February 2020

रखिये वास्तु अनुसार घर में पानी और देखिये अप्रत्याशित बदलाव


प्रकृति के सभी पांच तत्वों की सूची में, धरती और हवा के बाद मनुष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व है पानी, क्योंकि इस ग्रह पर कोई भी व्यक्ति पानी और हवा के बिना जीवित नहीं रह सकता है। दैनिक उपयोग और पीने के उद्देश्य के लिए पानी रखने के अलावा, अपने घर को सजाने के लिए भी पानी रखना या वास्तु के अनुसार पानी रखना व्यक्ति और उसके जीवन में बहुत प्रभावी है।

प्रकृति के प्राकृतिक तत्व ऊर्जा बनाने और बनाए रखने के लिए पूर्ण रूप से कार्य करते हैं | कुशल वातावरण कई लाभों और अधिक से अधिक सकारात्मक अवसरों को आकर्षित करता है। यदि ध्यान दिया जाए तो जल तत्व वास्तु के सबसे मजबूत तत्वों में से एक है।

वैदिक वास्तु के अनुसार घर में ऊर्जा प्रवाह और सकारात्मकता को बढ़ावा देने के लिए घर में जल और जल निकाय रखने के कई सारे कारण हैं।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पानी का स्रोत पवित्र नदियों और झीलों से है जो बहुत प्राचीन और ऐतिहासिक हैं। इस प्रकार, हम जिस पानी का उपभोग करते हैं, वह पवित्र एवं शुद्ध है। इसलिए, यदि हम घर में किसी विशेष कारण से या घर में पर्यावरण की बेहतरी के लिए पानी रखते हैं तो यह आपके जीवन के साथ-साथ घर में भी सकारात्मक प्रभाव डालता हैं।

घर या व्यावसायिक परिसरों के पास जल निकाय का होना सकारात्मक उर्जा को आकर्षित करता है, जिससे आस पास रह रहे लोगो के भीतर भी सकारात्मक उर्जा बढ़ती हैं।

प्राचीन काल में राजा और राज परिवार के लोग अपने राज्य में ऊर्जा और सकारात्मकता को बनाये रखने के लिए जल निकायों के पास अपने किलों का निर्माण करते थे। जहाँ से वह अपने महल व किलों में भी आसानी से पानी का लेन देन भी कर सके।

हलचल भरे और बहते हुए पानी के निकाय उन लोगों को प्रोत्साहित कर सकते है, जो अपने जीवन में बदलाव चाहते हैं, और अपने जीवन में अनावश्यक चीजों की तरह किसी एक विषय से चिपके रहना पसंद नहीं करते। ये वे लोग हैं जो अपने जीवन में नित्य परिवर्तन पसंद करते हैं।

बहता पानी तनाव को कम कर सकता है, और जीवन में शक्ति व उर्जा को प्रोसहन भी दे सकता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में नयी चीज़े करने के साथ अपने आस पास के माहोल में ही बदलाव महसूस करता है।

जल निकाय का आकार और स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। अपने घर या ऑफिस में किसी भी प्रकार के जल निकाय को रखने के लिए सबसे अच्छा स्थान व दिशा है, उत्तर पूर्व क्षेत्र, झरता हुआ व गीरता हुआ पानी आपके आस पास के पर्यावरण में विभिन्न प्रकार की ऊर्जा प्रवाह का निर्माण करता है। अपने घर में फव्वारे लगाने की कोशिश करें (यदि घर में अतिरिक्त स्थान हो तो) घर में बेहतर ऊर्जा का प्रवाह और सकारात्मकता पैदा करने के लिए।

जहाँ बात है पीने के पानी की तब वही  पीने के पानी के बर्तन, फिल्टर, प्यूरीफायर या घड़े को रसोई के उत्तर-पूर्व और उत्तर के कोनों में रखा जाना चाहिए। साथ ही हमेशा ध्यान रखे की पीने के पानी के बर्तनों को हमेशा रसोई में ही रखना उचित है।

वास्तु से संबंधित और अधिक जानकारी के लिए, इंस्टिट्यूट ऑफ़ वैदिक एस्ट्रोलॉजी से वैदिक वास्तु सीखें। यहां आपको वैदिक वास्तु में ऑनलाइन पत्राचार शिक्षा के माध्यम से डिप्लोमा कोर्स प्रदान किया जायेगा जिसे पूर्ण करने के पश्चात आप वैदिक वास्तु विशेषज्ञ बन सकते है।